रिपोर्ट -अखिलेश मिश्रा,
-संघ पदाधिकारी अध्यक्ष व महामंत्री पहंुचे बीएसए कार्यालय
-शिक्षकों ने भी दर्ज करायी उपस्थिति
-बीएसए सुरजीत सिंह ने लिया ज्ञापन
-पीएम और सीएम तक पहुचाने का आग्रह
कानपुर। लाखों शिक्षकों की नींद उड़ाने वाला न्यायालय के निर्णय पर पीएम और सीएम को शिक्षक हित में निर्णय लेने के संदर्भ में बुधवार को प्रदेश जूनियर शिक्षक संघ के अध्यक्ष और महामंत्री ने जिला बेसिक शिक्षाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान जिले के बड़ी संख्या में शिक्षक मौजूद थे।
महामंत्री विकास तिवारी ने कहा कि माननीय न्यायालय के टीईटी अनिवार्यता निर्णय का आदेश आने से देश व प्रदेश के लाखों शिक्षक बेचैन हैं। लंबे समय के बाद टीईटी एग्जाम देना अब संभव नहीं है। नौकरी ज्वाइनिंग के दौरान सभी आवश्यक प्रक्रिया से गुजरने के बाद शिक्षक बड़ा समय स्कूल में शिक्षक कार्य में दे चुका है। लंबे समय बाद परीक्षा देना या फिर एग्जाम के लिए अपडेट कराना आसान नहीं है।
श्री तिवारी ने कहा कि शिक्षक बच्चों का भविष्य उज्जवल करने के बाद सरकार से समय-समय पर मिलने वाले सारे दायित्व का निर्वाहन करता है। ऐसे में माननीय न्यायालय का निर्णय शिक्षकों के लिए टीईटी परीक्षा देना आसान नहीं है। उन्होंने संघ की तरफ से देश के पीएम और प्रदेश के सीएम से आग्रह किया है कि कोई शिक्षक हित में निर्णय लेकर इसका समाधान करें।
अध्यक्ष योगेन्द्र सिंह ने कहा कि 29 जुलाई 2011 से टीईटी की अनिवार्यता नवीन भर्तियों में किया गया है। इसके पूर्व के शिक्षकों को इस परीक्षा की अनिवार्यता से मुक्त रखा जाएं।
ज्ञापन के समय संघ पदाधिकारी अध्यक्ष योगेन्द्र सिंह, महामंत्री विकास तिवारी, विक्रम सिंह, मोहम्मद अनस, धीरेन्द्र यादव, शिवेन्द्र सिंह, शिव प्रकाश तिवारी, विजय श्रीवास्तव, समीर मिश्रा, मीरा प्रजापति सहित बड़ी संख्या में शिक्षक मौजूद थे।
