रिपोर्ट -अखिलेश मिश्रा,
-संघ पदाधिकारियों के साथ बड़ी संख्या में शिक्षक पहंुचे
-अध्यक्ष व महामंत्री विकास तिवारी ने विरोध जताया
-पीएम व सीएम वाला ज्ञापन डीएम को सौंपा
-शिक्षक संघ ने की टीईटी समाप्त करने की मांग
एसपी न्यूज कानपुर। सुप्रीम कोर्ट का सभी टीचरों को टीईटी पास करने के आदेश आने के बाद देश भर में शिक्षकों का विरोघ प्रदर्शन प्रारंभ हो गया है। इसी क्रम में आज सोमवार को उत्तर प्रदेश जूनियर शिक्षक संघ ने हजारों शिक्षकों के साथ डीएम कार्यालय पहुंचकर टीईटी अनिवार्यता को समाप्त करने की मांग वाला ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। इस दौरान संघ के जिलाध्यक्ष योगेन्द्र सिंह और महामंत्री विकास तिवारी मौजूद थे।
जिलाध्यक्ष योगेन्द्र सिंह ने कहा कि 29 जुलाई 2011 से टीईटी की अनिवार्यता नवीन भर्तियों में लागू किया गया था। इसका सभी शिक्षकों ने पालन किया। लेकिन उससे पहले नियुक्त पाये हुए शिक्षकों को इस एग्जाम प्रक्रिया से दूर रखा जाएं। श्री सिंह ने कहा कि पीएम और सीएम शिक्षक हित में निर्णय लेकर आवश्यक कार्यवाही करे।
महामंत्री विकास तिवारी ने कहा कि कोर्ट आदेश आने के बाद शिक्षकों में भय की स्थिति है। शिक्षक समझ नहीं पा रहा है कि वह बच्चों को शिक्षा दे या फिर स्वंय पढ़ाई करे। महामंत्री ने कहा कि 2011 से पहले शिक्षक बने सभी लोग उस समय जो नियमावली थी उसका पालन करते हुए नौकरी पायी। अब जब 2011 में नियम बनने के बाद यह उन शिक्षकों पर लागू नहीं होना चाहिए। उन्हें ज्ञापन के माध्यम से पीएम और सीएम से आग्रह किया कि शिक्षक हित में सरकार बड़ा निर्णय ले और उनकों एग्जाम प्रक्रिया से दूर रखे।
ज्ञापन के दौरान डीएम कार्यालय में बड़ी तादाद में शिक्षकों के अलावा संघ पदाधिकारी योगेन्द्र सिंह, विकास तिवारी, राजा भरत अवस्थी, राजेश तिवारी, प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विक्रम सिंह, शिव प्रकाश तिवारी, धीरेन्द्र यादव, विजय श्रीवास्तव, मीरा प्रजापति, समीर मिश्रा, रूखसार अहमद, सौरभ पांडेय, राकेश पाल, धमेन्द्र यादव, राघवेन्द्र सिंह आदि शिक्षक मौजूद थे।
