-डायलसिस और कैंसर जैसी बीमारी का सफल इलाज
-होम्योपैथिक दवा का फिजीशियन ने दिखाया दम
-देश के कोने-कोने से मरीज पहुंच रहे क्लीनिक
-समाजसेवा का संकल्प लेकर फील्ड में आई चिकित्सका
-घातक बीमारियों पर काम करना जीवन का उद्देश्य
-पीसीओडी की स्पेशलिस्ट बन चुकी फिजीशियन
-ज्योतिष ज्ञान के लिए चिकित्सक पति को बनाया गुरू
-बड़ों डॉक्टरों से रिजेक्ट केस करना बनाया अपना शौक
कानपुर। डायलसिस, कैंसर, लीवर या फिर स्पाइन जैसी बीमारियों को मीठी गोली यानी होम्यापैथिक दवा से ठीक करना सुनकर आश्चर्य चकित कर देगा। लेकिन यह सब कर दिखाया कानपुर की वरिष्ठ फिजीशियन डॉक्टर मेनका ने। घातक बीमारियों को हमेशा चुनौती मानने वाली डॉक्टर ने देश के कोने-कोने से आएं हजारों मरीजों को जीवन दान दिया या फिर कहे कि उन्होंने समाज में डॉक्टर जो भगवान का दर्जा दिया गया है। उसे अपनी मेहनत से साबित कर दिया। आज प्रतिदिन बीमारी से हार चुके मरीज आते है और कुछ समय बाद नया जीवन लेकर जाते है।
सफल इलाज में ज्योतिष चिकित्सक का अह्म रोल
मरीजों को घातक बीमारियों से मुक्त कराने वाली फिजीशियन डॉक्टर मेनका ने सफलता के रहस्य से पर्दा उठाते हुए बताया कि सफल इलाज में हमारे चिकित्सक व ज्योतिषाचार्य पति डॉक्टर राहुल का है। गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों पर पहले उनका चेकअप होता है। उनके अनुभव और ज्योतिष के मिश्रण का ज्ञान का लाभ मरीजों को मिलता है। इसी का परिणाम है हमारी मीठी गोलियां घातक बीमारियों को मात दे रही है।
समाजसेवा का संकल्प लेकर की पढाई
डॉक्टर मेनका ने बताया कि हमेशा माता-पिता ने हमें प्रोत्साहित किया। रोडवेज में जॉब करने वाले पिता ने हमेशा इस बात पर हमें फोकस कराया कि कुछ भी करना, लेकिन जो करना उसमें अपना मुकाम अलग ही रखना। जॉब कोई भी हो लेकिन समाज का हित होना चाहिए। पिता की सीख को ध्यान में रखकर मेडिकल लाइन का चयन किया।
सात साल के कैरियर में एक अलग पहचान
डॉक्टर मेनका ने बताया कि मेडिकल लाइन का कैरियर मात्र अभी सात साल का हैं। लेकिन पिता की सीख हमेशा दिल-दिमाग में रही। इन सात सालों को तपस्या की तरह काम किया। समाज में एक अलग पहचान बनाना साथ ही होम्योपैथिक को नयी पहचान दिलाना लक्ष्य निर्धारित था। इसलिए बीते समय में गंभीर बीमारियों पर काम करना उद्देश्य बनाया। कठिन परिश्रम और गुरू पति का मार्ग-दर्शन जीवन में बहुत काम आया।
मायूस मरीजों पर चला मीठी गोली का जादू
डॉक्टर मेनका ने बताया कि हमारे यहां क्लीनिक पर आने वाले मरीज को नार्मल बीमारी से पीड़ित नहीं है। सभी किसी न किसी जानलेवा बीमारी से ग्रसित है। यहां पर कहे कि सभी हाई प्रोफाइल हॉस्पिटलों से इलाज कराने के बाद आखिर में यहां मायूस होकर आते हैं। यहां पर आने वाले मरीज के पास जांचो की मोटी फाइल होती है। पैसे से भी टूट चुके होते है। लेकिन यहां भगवान की कृपा और पति का अनुभव सिर चढ़कर बोलता है। अगर मरीज बताये हुए नियम गंभीरता से पूरा करता है तो दवा जादू की तरह काम करती है।
देश के कोने-कोने से मरीजों का आगमन
फिजीशियन मेनका ने बताया कि हमें किसी ग्लैमर की आवश्यकता नहीं है। हमारी मेहनत और मरीजों का सपोर्ट साथ ही पति का ज्योषिज्ञान मरीजों पर वरदान बनता है। घातक बीमारियों पर सफलता पाने वाले मरीज स्वंय ही हमारे लिए काम करते है। इसी का परिणाम है कि दिल्ली, मुंबई, कोलकता, मद्रास, नागपुर, उड़ीसा सहित पूरे देश भर के मरीज यहां पर आते है।
शनिवार और रविवार केवल आउटर मरीज
चिकित्सक ने बताया कि बाहर से मरीजों की भीड़ को ध्यान में रखकर सप्ताह के शनिवार और रविवार दिन निर्धारित है। इन दो दिनों में बाहर से आने वाली मरीज ही देखे जाते है। पहले सभी मरीज एक साथ देखे जाते थे इस कारण बाहर से आने वाले मरीज थोड़ा परेशान होते थे। उनकी परेशानी को ध्यान में रखकर इनके लिए दिन निर्धारित है।
डॉक्टर राहुल बाबा बनी चिकित्सक की पहचान
फिजीशियन ने बताया कि मेरे चिकित्सक पति राहुल को बाबा नाम समाज से मिला है। वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य होने के कारण शहर या फिर देश के विभिन्न स्थानों पर लोग डॉक्टर राहुल बाबा के नाम से जानते है या फिर यह कहे कि वर्तमान में चिकित्सक से अधिक बाबा को नयी पहचान मिली है। डॉक्टर मेनका ने कहा कि आज वे सफलता के जिस स्थान पर है इसमें बाबा का अह्म रोल है।